Relationship with another person after marriage: इस दुनियां मे सिर्फ एक बात का ध्यान रखना चाहिए! कि यहां कुछ भी सही-गलत नही होता है। सब कुछ निर्भर करता है आपके हालातों पर,तो ज्यादा आदर्शवाद के चक्कर में सब कुछ बर्बाद नहीं किया जाता है। और रही बात संबंधो की तो सर्वप्रथम अपने दाम्पत्य जीवन को समझना चाहिएकि यदि आपका जीवन साथी किन्ही कारणों से आपको शारीरिक रूप से संतुष्ट कर पाने मे अक्षम है,तो आपको इस बात पर बड़े ही आराम से अपने साथी से विमर्श करना चाहिए।
और यदि वह आपके सुखों की परवाह करता/करती है तो कुछ विशेष परिस्थितियों मे वो भले ही आपको खुले मन से अनुमति न दे परंतु इस बात का विरोध भी नही करेगा/करेगी। तब आपकी जिम्मेदारी बनती है कि किसी एक ऐसे शख्स की खोज करें जो आपकी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो और साथ ही मानसिक रूप से भी परिपक्व हो और आपका भरोसेमंद शख्स हो।
जो आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी अक्षुण्ण रखे।। अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए यदि आप शारीरिक सुखों का भोग करते/कलती हैं तो इसमे कुछ भी गलत नही है बशर्ते वह शारीरिक सुख की पूर्ति किसी एक ही शख्स से पूरी हो रही हो,बहुतों से नही।
( ऐसा इसलिए लिखा है क्योंकि पुरुष यदि विरोध करता है तो पत्नी या तो झूठे मुकदमे लिखाने लगती है या फिर प्रेमी के साथ मिलकर पति को ही निपटाने की योजना बनाने लग जाती है)
जिससे आपका पारिवारिक जीवन भी अनवरत चलता रहे और आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बनी रहे। अगर आप इतना कुछ निर्वहन कर पा रहे हैं तो आपको शारीरिक सुख पा लेने में कोई बुराई नही है।।
आज भी अनगिनत लोगों के अवैध संबंध कहे जाने वाले संबंध, निजी संबंधों से ज्यादा प्रेम से निभ रहें हैं। जो समझदार होंगे, समझ गये होंगे... नहीं तो किसी दिन दूसरों के कारण या अपनी नादानियों के कारण, अपनों के सामने खुद भी शर्मशार होंगे और दूसरों को भी करेंगे..!!
शादीशुदा जिंदगी में अवैध संबंध सदैव अपराध का कारण बनते हैं। आए दिन ऐसी खबरें आती हैं, जिसमें पत्नी अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्याएं कर रही हैं, तो कहीं पति पर झूठे मुकदमे दर्ज करा रही हैं।
वजह सिर्फ एक ही होती है. जो स्त्रियां प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या करती हैं वो पति से छुटकारा भी चाहती है और उसके हिस्से की सम्पत्ति भी और पति को झूठे मुकदमों में फंसाने वाली स्त्रियां, ऐश तो अपने प्रेमी संग करना चाहती हैं मगर धन की पूर्ति गुजाराभत्ता के रूप में पति से करती हैं।
आपत्ति जताने से पहले ऐसे कानून का विरोध करिए जो शादीशुदा स्त्री को अवैध संबंध बनाने की छूट देते हैं