Bahraich violence: बहराइच में गोपाल मिश्रा को मुसलमानों ने घर में खींच कर कम से कम बीस गोलियाँ मारीं। जहाँ मुसलमान हैंडल बचाव की जगह यह कहते दिख रहे हैं कि ‘मौत के मुँह में आएगा तो मारा ही जाएगा’, वहीं कई हिन्दू हैंडल बता रहे हैं कि इसमें अपराध दुर्गा पूजा का, विसर्जन के लिए निकले हिन्दुओं का, सड़क पर बज रहे डीजे का और अंततः गोपाल मिश्रा का ही है।
ये वो हिन्दू हैं जिनका पूरा जीवन इस्लामी उन्मादी भीड़ के कुकृत्यों को उचित ठहराने में बीतता है, पर वो यह भूल रहे हैं कि यही भीड़ अवसर पाते ही उनके घरों से जब उनकी माँ या बहन को उठा कर ले जाएँगे, सामूहिक बलात्कार करेंगे, तब उनके पास ना मायका बचेगा, न ससुराल।
चार लाइक और दस रीट्वीट के लिए दंगाइयों की अधोजटाओं में कंघी करने वाले हैंडल, अपने कुतर्क के पक्ष को उचित बताने के लिए अपनी माँ और बहन का भी प्रयोग कर सकते हैं। वो आपको बताएँगे कि सर्टिफिकेट पर बाप का नाम फलाना सिंह, फलाना यादव या फलाना गुप्ता अवश्य है, पर मम्मी बताती है कि उनकी कोख में तो अब्दुल अंकल का ही बीज आया था।
See Video
इस वीडियो की सच्चाई जान लीजिए !
- पहले इसी मुस्लिम घर से हिन्दू भीड़ पर पत्थरबाजी हुई।
- इसके बाद हिन्दू भीड़ में से एक युवक गोपाल मिश्रा निकलता है और जिस घर से पत्थरबाजी होती है उसके छत पर चढ़ जाता है।
- छत पर लगा इस्लामिक झंडा हटाकर भगवा ध्वज फहरा देता है।
- बाद में इसी घर में रखे हथियारों से फायरिंग हुई और गोपाल मिश्रा की मौत हो गयी।
- गोपाल मिश्रा की हत्या पर कई वामपंथी, इस्लामी कट्टरपंथी समर्थक जश्न मना रहे हैं।
- कट्टरपंथी समर्थक कह रहे हैं कि गोपाल ने इस्लामिक झंडा हटाया इसलिए हत्या हुई।
- लेकिन वो ये बात छुपा रहे हैं कि पहले इसी घर से पत्थरबाजी हुई उसके बाद गोपाल मिश्रा ने इस्लामिक झंडा हटाया।